द फॉलोअप डेस्क
हेमंत सरकार ने कैबिनेट बैठक में कुल 49 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। इस बैठक में सरकार ने छात्रहित में बड़ा फैसला लिया है। इस बैठक में सरकार ने 10 अरब की लागत से बनने वाले 500 बेड के मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को भी मंजूरी दी है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मद्देनजर और विभिन्न राज्यों के अध्ययन के बाद राज्य में चल रहे व्यावसायिक और तकनीकी संस्थानों पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के बाद अब संस्थान मनमाने ढंग से फीस वृद्धि या नामांकन शुल्क में वृद्धि नहीं कर पाएंगे। यह निर्णय सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के शुल्क नियामक समिति के प्रावधानों का अध्ययन कराने के बाद लिया है। इसके तहत झारखंड में हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक शुल्क नियायक समिति का गठन होगा। सरकार की ओर से इसके लिए झारखंड प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीटयूशन रेगुलेशन ऑर्डिनेंश 2024 तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार 27 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।
आपको बता दें, झारखंड में ऐसे सैकड़ों व्यावसायिक एवं तकनीकी कॉलेज और संस्थान है, जिस पर अब लगाम लगने वाली है। इसका सीधा फायदा झारखंड जैसे गरीब एवं पिछड़े राज्य के लाखों छात्र-छात्राओं को होगा। राज्य में कई ऐसे मेडिकल, इंजीनियरिंग, तकनीकी, कृषि, औद्योगिक, आईटीआई, पॉलिटेक्निक निजी कॉलेज और संस्थान संचालित हैं, जो इसके दायरे में आने वाले हैं।
रसोइयों के मानदेय में होगी 1000 रूपये की बढ़ोत्तरी
बैठक में हेमंत सरकार ने एक अहम निर्णय लिया, जिसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल बनाने वाली रसोइयों के मानदेय में 1000 रुपए की वृद्धि की गई है। वर्तमान में इन रसोइयों को केवल 10 महीने ही 1-1 हजार रुपए मिलते हैं। लेकिन अब इन्हें 12 महीने 2-2 हजार रुपए दिए जाएंगे। सरकार के इस निर्णय से सरकारी विद्यालयों में मिड डे मिल बनाने वाली 79,286 महिलाओं को सीधा फायदा होगा। इसे लेकर रसोइयां वर्षों से आंदोलन कर रही हैं।
5 लाख नए राशन कार्ड बनाए जाएंगे
कैबिनट बैठक में राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 5 लाख नए राशन कार्ड बनाने का निर्णय भी लिया है। वर्तमान में इनकी संख्या 20 लाख है। सरकार 5 लाख नए लोगों का राशन कार्ड बनवा कर उन्हें राशन दुकान से राशन देगी। इसके साथ ही सरकार ने राशन डीलरों की मांग को भी पूरी किया है। जिसके तहत राशन डीलरों का प्रति क्विंटल कमीशन 100 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे राशन डीलर जिनका लाइसेंस है, लेकिन किसी कारणवश उनकी मृत्यु हो जाती है। वैसी स्थिति में उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर 1 साल में ही लाइसेंस निर्गत कर दिया जाएगा।